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ऊर्जा के नए क्षेत्र
प्रकृति की शक्ति के साथ मानव प्रयास को सहक्रियशील करने के साथ एनपीसीआईएल राष्ट्र की बढती हुई आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ऊर्जा के लिए की खोज़ जारी रखता है। न्यूक्लियर ऊर्जा में अपनी मुख्य भूमिका के साथ एनपीसीआईएल का इरादा पवन ऊर्जा के साथ ही जल विद्युत जैसे अन्य स्वच्छ स्रोतों के प्रति अपना योगदान देना है।
स्वच्छ हरित ऊर्जा का दोहन
स्वच्छ ऊर्जा निर्मित करने की हमारी जिम्मेदारी और हमारे व्यावसायिक ज्ञान ने हमें पवन ऊर्जा और जल विद्युत में विविधता उत्पन्न करने के लिए हमें प्रेरित किया है। भारत में पवन ऊर्जा क्षेत्र विश्व में चौथी सबसे बडी संस्थापित क्षमता है और विकासशील विश्व में पवन ऊर्जा का नेतृत्व करता है। इस क्षेत्र में योगदान देने के लिए एनपीसीआईएल ने 19 जनवरी 2007 को तमिलनाडु में कुडनकुलम में 10 मेगावाट वाले पवन फार्म का प्रचालन आरंभ किया। इस क्षमता को बढाने के लिए एनपीसीआईएल कार्यरत है।
पंपित भंडारण योजनाएं
संयुक्त रूप से हायड्रो इलेक्ट्रिसिटी परियोजनाएं विकसित करने के लिए कंपनी ने टेहरी हायड्रोइलेक्ट्रिक डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (टीएचडीसी), उत्तराखंड के साथ संयुक्त उद्यम स्थापित करने हेतु समझौता ज्ञापन पत्र हस्ताक्षरित किया है। महाराष्ट्र सरकार ने निरीक्षण और सर्वेक्षण उद्देश्यों के लिए संयुक्त उद्यम कंपनी को मालशेज़ घाट (600 मेगावाट) और हमबर्लि (400 मेगावाट) पंपित भंडारण योजनाएं आबंटित की हैं।