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फुकुशिमा दुर्घटना उपरांत भारतीय परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की सुरक्षा आंकलन
परमाणु ऊर्जा संयंत्र (एन. पी. पी.) के डिजाइन, निर्माण, एवं कमीशन, प्रचलित परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (ए. ई. आर. बी.) संहिताओं और मार्गदर्शिकाओं के अनुसार किया जाता है एवं उसके लिये राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संयंत्रों के उपलब्ध ऑपरेटिंग अनुभवों और प्रतिक्रियाओं को ध्यान में रखा जाता है ।
तदुपरांत संयंत्र के परिचालन काल के दौरान में, एन.पी.सी.आई.एल. व ए. ई. आर. बी. की आंतरिक समीक्षा प्रक्रिया द्वारा इनकी सुरक्षा निष्पादन का नियमित रूप से मूल्यांकन किया जाता है। संयंत्रों की सुरक्षा हेतु आवधिक सुरक्षा (पी. एस. आर) एवं संबंधित सुधार विनियात्मक प्रथाओं के अनुसार आवधिक समीक्षा के समय किया जाता है। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय परिचालन अनुभव ऑनलाइन सुरक्षा समीक्षा का मौका देता है जिससे कि सभी विशेषताएँ अद्यतन रहती हैं। उदाहरणार्थ, नरोरा परमाणु बिजली घर (एन. ए. पी. एस.) में आग-दुर्घटना की समीक्षा व उससे सीख, मद्रास परमाणु बिजली घर (एम. ए. पी. एस.) की सुनामी घटना, तीन माइल आइलैंड दुर्घटना एवं चेरनोबिल दुर्घटना आदि के अनुभव को यथौचित ढ़ंग से सुरक्षा में सुधार करने के लिये उपयोग किया गया।
इस दिशा में फुकुशिमा घटना से सीखे हुए सबक की समीक्षा की जा रही है।
- भूकंप के उपरांत सुनामी के फलस्वरूप 11 मार्च, 2011 को जापान में फुकुशिमा परमाणु बिजली घर में दुर्घटना हुई।
- 15 मार्च 2011 को एन.पी.सी.आइ.एल. के सी. एम. डी ने भारतीय परमाणु बिजली घरों (एन. पी. पी. एस.) में इस तरह की परिस्थितियों के घठित होने के परिणामों की समीक्षा हेतु चार कार्यदलों का गठन किया, जिन्हें कि चार श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है, वे ये हैं:
- बोइलिंग वाटर रिएक्टर्स (बी. डब्ल्यु. आर) (टी ए पी एस 1 & 2)
- आर ए पी एस 1 & 2 में प्रेशराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टर्स (पी. एच. डब्ल्यु. आर. एस)
- एम ए पी एस 1&2 में पी. एच. डब्ल्यु. आर. एस
- एन ए पी एस के उपरांत मानक पी. एच. डब्ल्यु. आर. एस
- इन कार्य दलों को भारतीय परमाणु बिजली घरों (एन पी पी एस) की सुरक्षा के तुरंत आंकलन करने हेतु बनाया गया है यह ध्यान में रखते हुए कि प्रेरणा पॉवर एवं निर्धारित पानी की आपूर्ति अनुपलब्ध है तथा इनके सुधार हेतु सुझाव माँगे गये है, ताकि इस तरह की जो परिस्थिति फुकुशिमा में हो गई थी उस तरह की विपरीत परिस्थिति से भी बचा जा सके।
- सभी कार्यदलों ने फुकुशिमा के बारे में प्रारम्भिक जानकारी के आधार पर मार्च 2011 के अंत में ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है।
- अभी भी इस घटना का खुलासा हो ही रहा है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की टिप्पणियों पर भी नज़र रखी जारही है ताकि भारतीय परमाणु बिजली घरों (एन पी पी एस) के लिये कार्य योजना में इन अतिरिक्त जानकारियों को भी शामिल किया जा सके।
- इन कार्यदलों की रिपोर्ट को एक दस्तावेज़ में सारांशित किया गया है जिसका कि शीर्षक है : "फुकुशिमा घटना के संदर्भ में भारतीय परमाणु बिजली घरों (एन पी पी एस) की सुरक्षा का मूल्यांकन" । इसका उद्देश्य एक विस्तृत जानकारी हेतु एकीकृत चित्र प्रस्तुत करना है जिसमें इससे सम्बंधित विषयों की जानकारी देना है जैसेकि फुकुशिमा घटना की विस्तृत जानकारी, एन.पी.सी.आई.एल. में तथा इससे जुड़े हुऐ विभिन्न संयंत्रों के लिये विशिष्ट सिफारिशें तथा सुरक्षा समीक्षा एवं मूल्यांकन की प्रक्रिया।
- तदुपरांत सी. एम. डी, एन.पी.सी.आई.एल. ने, निर्माणाधीन भारतीय परमाणु बिजली घरों (एन पी पी एस) की सुरक्षा के आंकलन करने हेतु और भी दो कार्यदलों का गठन किया है यह ध्यान में रखते हुए कि यदि प्रेरणा पॉवर एवं निर्धारित पानी की आपूर्ति अनुपलब्ध है।
एक कार्यदल वी. वी. ई. आर. के लिये जहाँ कि प्रेशराइज़्ड़ वाटर रिएक्टर्स (पी. डब्ल्यु. आर.) के. के. एन. पी. पी में निर्माणाधीन है।
एक कार्यदल 700 मेगावाट के लिये जहाँ कि प्रेशराइज़्ड़ वाटर रिएक्टर्स (पी. डब्ल्यु. आर.) के. ए. पी. पी. 3&4 एवं आर. ए. पी. पी. 7&8 में निर्माणाधीन
कार्य दलों एवं संबद्ध पृष्टभूमि की रिपोर्ट निम्नलिखित में उपलब्ध है:
प्रदर्शन एन.पी.सी.आई.एल. में सुरक्षा समीक्षा प्रक्रिया की सारांश प्रस्तुति, फुकुशिमा घटना, भारतीय परमाणु बिजली घरों (एन. पी. पी. एस) की फुकुशिमा के उपरांत स्थिति की समीक्षा, एन. ए. पी. एस में आग हादसा के उपरांत की गई सुरक्षा अंकेक्षण, एम. ए. पी. एस सुनामी घटना, टी. एम. आय / चेरनोबिल दुर्घटना, कार्यदलों द्वारा सिफारिशों का सारांश एवं तदुपरांत उठाये गये कदम।
रिपोर्ट के पूर्ण पाठ निम्नलिखित लिंक से देखे जा सकते हैं:
सारांश दस्तावेज़ “फुकुशिमा हादसा के उपरांत भारतीय परमाणु बिजली घरों(एन. पी. पी. एस) की सुरक्षा आंकलन”
टी. ए. पी. एस-1&2 (ए1) की कार्यदल की रिपोर्ट
आर. ए. पी. एस-2 (ए2) की कार्यदल की रिपोर्ट
एम. ए. पी. एस-1&2 (ए3) की कार्यदल की रिपोर्ट
मानक पी. एच. डब्ल्यु. आर (एन. ए. पी. एस के बाद)(ए4) की कार्यदल की रिपोर्ट
के. के. एन. पी. पी (ए5) की कार्यदल की रिपोर्ट
700 मेगावाट पी. एच. डब्ल्यु. आर (ए6) की कार्यदल की रिपोर्ट